पुलिस सामुदायिक भवन में नवीन अपराधिक अधिनियम की जानकारी हेतु जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया
आज दि. 01 जुलाई 2024 से नवीन आपराधिक कानून लागू हैं। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम तीनों नये कानून को लाने का उद्देश्य जाँच और न्याय प्रणाली को पारदर्शी, सहज और सुलभ बनाना है।
कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधिकारियों द्वारा कार्य प्रणाली व भूमिका को बताया गया। न्यायालय, अभियोजन अधिकारी व अधिवक्ता संघ द्वारा नए कानून के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई।
– नए कानून में इलेक्ट्रानिक साक्ष्य और दस्तावेजी साक्ष्य को सामान रूप से महत्व दिया जाएगा। इलेक्ट्रानिक यंत्र के माध्यम से कथन लेख किये जायेंगे, समन की तामीली होगी। साक्षी के कथन लेख किये जाने है, अगर वह कही बाहर है, तो उसके कथन आडियो-वीडियो के माध्यम से लिये जा सकते है।
– संज्ञेय अपराध के घटित होने पर कोई भी व्यक्ति किसी भी पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करा सकता है।
– भीड़-भाड़ द्वारा अपराध किये जाने पर नया अपराध माँब लिंचिंग के नाम से जाना जाएगा।
– झपटमारी (चैन स्नेचिंग) को नये कानून में अपराध के रूप में चिन्हित किया गया।
– पीड़ित महिला की अदालती सुनवाई महिला मजिस्ट्रेट ही करेगी। अन्यथा संवेदनशील मामले में किसी महिला की उपस्थिति में पुरुष मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज होगा।
– 15 साल से कम आयु, साठ साल से अधिक और दिव्यांगो व गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को पुलिस स्टेशन में पेश होने से छूट होगी। उन्हें पुलिस की मदद अपने निवास स्थान पर ही मिलेगी।
नए कानून संबंधी जानकारी हेतु आयोजित बैठक में कलेक्टर श्री संदीप कुमार माकिन, पुलिस अधीक्षक श्री वीरेन्द्र मिश्रा, जिला अभियोजन अधिकारी आर सी चतुर्वेदी, जिला अभियोजन अधिकारी एजेके श्रीमती प्रगति नायक, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सुदीप शर्मा, एडीएम श्री विनोद भार्गव, महिला बल विकास अधिकारी श्री अरविंद उपाध्याय, एसडीओपी दतिया श्री प्रियंका मिश्रा कार्य.निरीक्षक कोतवाली धीरेंद्र मिश्रा, उपनिरीक्षक हेमा गौतम एवं उपनिरीक्षक वंदना शाक्य
एवं अधिवक्ता संघ, जन प्रतिनिधि, इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट व सोशल मीडिया उपस्थित रहे।